प्राचार्य की कलम से.....
आप सभी का हदय से स्वागत करती हूँ..!
- शिक्षा वह नीव है जिस पर हम अपने भविष्य का निर्माण करते है। हमारी चिंता का व्यापक मानदंड छात्रों को शहर, राज्य राष्ट्र वास्तव में विश्वस्तर का सच्चा नागरिक बनाना है। साथ ही सम्मान, सहानुभूति, प्रेम, इमानदारी और सबसे ऊपर "मानवता का गुण” उत्पन्न करना है।
मेरा मानना है कि ....
शिक्षा में जितनी भूमिका विद्यार्थी की है उतनी ही शिक्षक की है.. हमारे शिक्षक संभावनाओं से भरे विद्यार्थी रूपी कच्ची मिट्टी को सार्थक मूर्त रूप देने में पूर्णतः सक्षम है। नियमित कक्षाएं, कैरियर मार्गदर्शन, संचार कौशल, व्यक्तित्व विकास, mentoring (सलाहकर) , शोध, परियोजना, सेमिनार, मूल्य वर्धित पाठ्यक्रम (Value Added course) जैसे विभिन्न टीचिंग-लर्निंग माध्यम से हमारे शिक्षक ग्रामीण अंचल के सरल-सहज विद्यार्थियों को सुदृढ़ व्यक्तित्व में परिवर्तित कर सामाजिक दायित्वों के निर्वहन के लिए परिपक्व कर रहे हैं। छात्राओं की बाहुल्यता के युक्त (लगभग 80%) हमारी संस्था जहाँ बलिकाओं के लिए वातावरण, सुविधाओं एवं सुरक्षा हेतु सजग है वहीं बालकों में स्वस्थ मन व नैतिकता का संचार करने हेतु भी क्रियाशील है। जिससे न केवल संस्था में अपितु अपने निवास, गांव व समाज में भी छात्र व छात्राएं समानता व स्वस्थ आचार का निर्वाह कर सके।
इसमें अनुभवी और परिपक्व शिक्षक, समर्पित विद्यार्थीगण, महाविद्यालय का विशाल परिसर, मूलभूत सुविधाएँ मुख्य भूमिका निभा रही हैं और महाविद्यालय उन्नति की चरम सीमा पर पहुँच रहा है।
नई शिक्षा नीति दबाव से मुक्त उन्मुक्त शिक्षा पर बल देती है। एक तनावमुक्त शिक्षा जिसके माध्यम से विद्यार्थी अपनी रुचि, क्षमता, कौशल, सृजनात्मकता के अनुरूप अपने अंदर संभावनाओं की मनचाही दिशा चुन सकता है। हमारी संस्था के पठन-पाठन में भी नई शिक्षा नीति के तत्वों का समागम हो चुका है, नियमित पाठ्यक्रम के अतिरिक्त समांतर रूप से कौशल विकास, मूल्य वर्धित पाठ्यक्रम संचालित किया गया।